संग्रह

शिव चालीसा

दोहा

अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार । वन्दौ शिव पद..

प्रार्थना

गुरू ब्रह्मा गुरु विष्णुः गुरू र्देवो महेश्वरः । गुरु साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः ।।
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् । तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः ॥
नमस्ते भगवते भृगुदेवाय वेधसे । देव देव नमस्तुते भूत भावन पूर्वजः ॥..

गुरु वन्दना

गुरुदेव सुनो, मैं पड़ा यहां, सिर रखे तुम्हारे चरणों में, इनका ही सहारा रखना सदा, रहूं पड़ा तुम्हारे चरणों में ।..