- सेवक के लिए अमर्यादित परिधान वर्जित है – निर्धारित परिधान पीत धोती कुर्त्ता अथवा पीत कुर्त्ता पायजामा पहन कर धाम में वास करें।
- सेवा में मौन को महत्व दें।
- सेवा का अहंकार न करें।
- परनिन्दा, चुगली, द्वेष आदि न करें।
- बाहर से लाई गई कोई भी वस्तु सेवनीय नहीं है।
- स्वयं भी मर्यादित रहें तथा दूसरों को भी मर्यादा में रहने के लिए प्रेरित करते रहें।
- श्री धाम में जहाँ प्रवेश वर्जित किया गया हो – बिना आज्ञा प्रवेश न करें।