श्री भैरव जी की आरती

आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की, आरती करो भैरव की।

सिर पर जिनके मुकुट विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजे सिर पर जिनके मुकुट विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजे। सदा एक सी लो में रहते, हनुमत की शंकर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की आरती करो भैरव की।

एक हाथ में खड्ग विराजे पाश दूसरे हाथ में साजे। एक हाथ में खड्ग विराजे पाश दूसरे हाथ में साजे। तीजे हाथ कमण्डुल धारे, चौथे मुद्रा वर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की आरती करो भैरव की।

भूत गणों को फाँसी देते, संतो के संकट हर लेते। भूत गणों को फाँसी देते, संतो के संकट हर लेते। कृपा करते भक्त जनों पर लीला हे नटवर की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की,

आरती करो भैरव की।

महिमा तुम्हारी कौन बखाने, जग का बच्चा बच्चा जाने महिमा तुम्हारी कौन बखाने, जग का बच्चा बच्चा जाने। रमते भैरों सेर में निश दिन, कृपा से शंकर की। आरती करो, भैरवं की करो, भैरव की, काल भैरव की

आरती करो भैरव की।

श्वान सवारी शोभा पायें, खुद भी नाचें सब को नचायें। श्वान सवारी शोभा पार्य, खुद भी नाचें सब को नचायें। सारे कारज हो दुनियाँ के, लीला से भैरव की। आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की, आरती करो भैरव की