(यह चालीसा सूर्यास्त के समय पढ़ने का अधिक महत्व है।)
दोहा
श्री.. →
अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार । वन्दौ शिव पद.. →
श्री भृगु कमल पद ध्यान धर, श्री हनुमत चरण चित्तलाय।.. →
पहले सुमिर गणेश, को फिर बाला जी ध्यान। भैरव चालीसा.. →
(हनुमान चालीसा के पाठ के बाद अवश्य ही एक पाठ तो करें ही करें।)→
दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करै सनमान। तेहि के.. →
(यह चालीसा सूर्यास्त के समय पढ़ने का अधिक महत्व है।) दोहा →