स्तुति

गुरु वन्दना

गुरुदेव सुनो, मैं पड़ा यहां, सिर रखे तुम्हारे चरणों में, इनका ही सहारा रखना सदा, रहूं पड़ा तुम्हारे चरणों में ।..