श्री त्रिमूर्तिधाम (पञ्चतीर्थ)

का शाब्दिक अर्थ है - वह तीर्थ जहाँ 5 दिव्य विग्रह का वास हो...

श्री त्रिमूर्तिधाम (पञ्चतीर्थ) ऐसा ही परम दिव्य धाम है – जहाँ पर प्रभु की दिव्यता को साकार होते हुए अपने इन्हीं नेत्रों से देखा जा सकता है। यह धाम शिवालिक की सुरम्य पर्वत श्रृंखला के मध्य रम्य पर्वत शृंग जो हिमाचल प्रदेश का प्रदेश द्वार है, हरियाणा प्रदेश के पंचकुला जनपद के उत्तर की ओर फैली परवाणु नाम से विख्यात् पर्वत शिखा जो अपने आप में मनोरम और दिव्य है के बीच मुकुट मणि की तरह सुशोभित है| read more...

बालाजी हनुमान मंदिर, भैरों की सेर, कालका, जिला पंचकूला , हरियाणा, भारत.

Phone:91 (0) 9023423901 Email:sritrimurtibalaji@gmail.com

मंदिर समय 6:00 AM to 7:00 PM

मुख्य आरती समय

  • उत्थापन आरती प्रातः 6:30 -7:00
  • सान्ध्य आरती सांय: 6:30 -7:00
  • शयन आरती रात्रि: 7:30

अंजना माता की रसोई

  • नाश्ता प्रातः 8:00 - 9:00 बजे
  • मध्याह्न भोजन: 1:00 - 2:00 बजे
  • रात्रि भोजन: 7:00 - 8:00 बजे

पोशाक नियम

आप सभी भक्तों का श्री त्रिमूर्तिधाम बालाजी हनुमान मंदिर में स्वागत है।
  • पुरुष धोती पहन कर धाम में होने वाली पूजन सेवा में शामिल हो सकते है।
  • स्त्री साड़ी पहन कर धाम में होने वाली पूजन सेवा में शामिल हो सकती है।

आगे पड़ें

श्री भृगु शरण मन्त्र

ॐ आत्मवेत्ता वेदान्त सूक्ष्म तत्व परं ग्रही। विधि मानस भूतिश्च श्री भृगु शरणं मम्।।
हसौं  हंसः परं ब्रह्म योगिनां योगचितप्रभुः। रघूणां सुप्रकाशी च श्री भृगु शरणं मम्।।
शिवाज विष्णु नामीशो दृष्टा तेषां च संस्थितिम्ः। कमलाजः कमलाशापः श्री भृगु शरणं मम्।।
सर्व साक्षी सर्वमार्गी सर्वशास्त्र प्रवर्तकः। सर्वेभ्यः सुखदाता च श्री भृगु शरणं मम्।।
सच्चिदानन्द रूपश्च सत्कला सुप्रवर्धनः। सर्वनामी सर्व सौम्यः श्री भृगु शरणं मम्।।
Maharishi Bhrigu Ji Sritrimurtidham Kalka

"हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे"

आप सभी के ध्यानार्थ

भक्तों के ध्यानार्थ

श्री त्रिमूर्तिधाम में प्रभु मौन की भाषा समझते हैं - अतएव भक्तों को मौन भाव से उनके समक्ष प्रार्थित होना ...

सेवकों के ध्यानार्थ

सेवक के लिए अमर्यादित परिधान वर्जित है - निर्धारित परिधान पीत धोती कुर्त्ता अथवा पीत ...

नियमावली

श्री त्रिमूर्तिधाम में पालनीय आवश्यक नियम - श्री त्रिमूर्तिधाम में सिगरेट, बीड़ी, चाय पीना, पान ...