कर्म अनुसार विशेष पूजन सामग्री

  • शरीर पीड़ा, रोग भय, शत्रु पीड़ा को नाश करने के लिए श्री बाला जी को नींबू की माला (108 नींबू) भेंट करनी चाहिए।
  • सुख प्राप्ति के हेतु द्राक्षा (108 द्राक्षा) की माला भेंट करनी चाहिए। 
  • कर्म प्राप्ति हेतु बाला जी को छोटी इलाइची (108 इलाइची) की माला भेंट करनी चाहिए।
  • अति वृद्धि के हेतु कोलडोडे (108 मखाने) भूनकर वह माला भेंट करनी चाहिए।
  • नारियल की भेंट भी सभी सुखों के लिए होती है।
  • शरीर में निर्मलता बनी रहे इसीलिए मलय चंदन के साथ (108) पान के पत्तों पर  “नमः शिवाय ” लिख कर वह माला, बाला जी को भेंट करनी चाहिए।
  • कमल पुष्प (108 कमल) की माला से समृद्धि प्राप्त होती है।
  • लौंग की माला (108 लौंग), सुपारी की माला (108 सुपारी) ये भी उन्हें प्रिय हैं।
  • फलों की माला से भी प्रभु प्रसन्न होते हैं।
  • जलेबी की माला (108 जलेबी), बालूशाही (108 बालूशाही) की माला ये सब उन्हें प्रिय हैं।

इसलिए भक्त अपने कल्याण के लिए जैसा भी उचित हो, वैसी मालाएँ शुद्धता रखते हुए उन्हें भेट करें।कलिकाल में श्री बाला जी ही केवल ऐसे देव हैं जो कलि के अंत तक वास करेंगे।विष्णु जी के सभी अधिकार, शिव और राम के पूर्ण अधिकार इन्हें प्राप्त होंगे। इसलिए हे भक्तों – आशुतोष शिव के अवतार होने के कारण इनकी सहज प्रसन्नता वंदनीय है।