महादेव शयन स्तुति

महादेव शयन स्तुति 

सोवो सोवो शिव अन्तरयामी – शयन रात्रि छा रही।

आँखों में निद्रा है छाई – गंगा थमती  जा रही।

नागों का भूषण अब त्यागो , आक धतूरा चबाओ तुम ,

खीर का भोग लगाओ स्वामि , अब योगा सन त्यागो तुम।

भूत आदि गण सेवते सेवते , थक गए प्यारे शिव शंकर ,

अभयवर प्रदान करो , सो जाओ हे प्रलयंकर।

निद्रा का अब नर्तन होगा , तारे अलख जगाएगे , 

भाल चंद्र अस्ताचल जाकर , चैन से डमरू बजाएंगे।

स्थिर सदा रहते हो स्वामि – सदा योग निरत रहते ,

अब निद्रा अपनाओ स्वामी , श्री हरि विनती करते।

भोले नाथ विश्व के स्वामि , अब निद्रा को अपनाओ,

माता उमा निहारे तुमको , अब निद्रा में खो जाओ।

सोते सोते वर दो स्वामी , सदा तुम्हारा ध्यान धरें ,

निश्चय बुद्धि जप तप करते , तब चरणों में निरत रहें।

पर्व : श्री गुरु पूर्णिमा एवं श्री महादेव शयनोत्सव 

गुरुवार, 10 जुलाई 2025