श्री त्रिमूर्तिधाम पञ्चतीर्थ आश्रम दिव्य देशम् 107
श्री त्रिमूर्तिधाम पञ्चतीर्थ आश्रम दिव्य देशम् 107, ऐसा ही परम दिव्य धाम है – जहाँ पर प्रभु की दिव्यता को साकार होते हुए अपने इन्हीं नेत्रों से देखा जा सकता है। यह धाम शिवालिक की सुरम्य पर्वत श्रृंखला के मध्य रम्य पर्वत शृंग जो हिमाचल प्रदेश का प्रदेश द्वार है, हरियाणा प्रदेश के पंचकुला जनपद के उत्तर की ओर फैली परवाणु नाम से विख्यात् पर्वत शिखा जो अपने आप में मनोरम और दिव्य है के बीच मुकुट मणि की तरह सुशोभित है| श्री त्रिमूर्तिधाम पञ्चतीर्थ – का शाब्दिक अर्थ है – वह तीर्थ जहाँ 5 दिव्य विग्रह का वास हो read more...
श्री त्रिमूर्तिधाम पञ्चतीर्थ आश्रम दिव्य देशम् 107, भैरों की सेर, कालका, जनपद पंचकूला, हरियाणा भारत 133302.
Phone:+91 (0) 9023423901 (9 am - 6pm) Email:sritrimurtibalaji@gmail.com
मन्दिर में दर्शन का समय 7:00 AM to 6:45 PM
मुख्य आरती समय
- श्रृंगार आरती प्रातः 8:00 बजे
- भोग आरती संगव 11:45 बजे
- सान्ध्य आरती सांय: 6:00 - 6:30 बजे
- शयन आरती रात्रि 6:45 बजे
पोशाक नियम
- मंदिर प्रवेश के लिए -
- पुरुष - धोती कुर्त्ता या पायजामा कुर्त्ता
- स्त्री - साड़ी या सलवार कमीज़
- अभद्र पोशाक, अन्य वेशभूषा वर्जित हैं।
- पूजन सेवा के लिए - पुरुष - धोती कुर्त्ता व स्त्री - साड़ी पहन कर ही पूजन में शामिल हो सकते है। (आगे पढ़ें)
श्री भृगु शरण मन्त्र
ॐ आत्मवेत्ता वेदान्त सूक्ष्म तत्व परं ग्रही। विधि मानस भूतिश्च श्री भृगु शरणं मम्।।
हसौं हंसः परं ब्रह्म योगिनां योगचितप्रभुः। रघूणां सुप्रकाशी च श्री भृगु शरणं मम्।।
शिवाज विष्णु नामीशो दृष्टा तेषां च संस्थितिम्ः। कमलाजः कमलाशापः श्री भृगु शरणं मम्।।
सर्व साक्षी सर्वमार्गी सर्वशास्त्र प्रवर्तकः। सर्वेभ्यः सुखदाता च श्री भृगु शरणं मम्।।
सच्चिदानन्द रूपश्च सत्कला सुप्रवर्धनः। सर्वनामी सर्व सौम्यः श्री भृगु शरणं मम्।।