जागृहि जागृहि हे नारायणअनन्तशायी पदमनाभम्चिर से श्यन मुद्रा.. →
संग्रह
जय गुरुदेव – श्री गुरु वन्दना
जय गुरुदेव, जय गुरुदेव, जय गुरुदेव, जय जय गुरुदेव
गुरु हैं.. →
अनन्त श्यन भजन
सोइये हे अनन्त अब, निशा छा रही,मंयक नभ में दिख रहे, प्रभा है.. →
प्रभु का श्यनदिन
श्यन करो प्रभु, प्रेम से हुई तुम्हारी रात,तब तक सपनों में.. →
आरती श्री सीता जी की
आरती जनक दुलारी की – शोभामय सीता प्यारी की।विद्यादात्री.. →
भृगु स्तोत्र अर्थ सहित
महर्षि भृगु ब्रह्मा जी के मानसपुत्र दैत्य गुरु शुक्राचार्य.. →
श्री बगलामुखी मंत्र – Baglamukhi Mantar
|| स्व सुरक्षा हेतु श्री बगुलामुखि मंत्र ||
अपमृत्युभय, दुर्घटना,.. →
श्री प्रेतराज जी की आरती
जय प्रेतराज राजा, जय प्रेतराज राजा। संकट मोचन वीरा, संकट मोचन.. →
श्री भैरव जी की आरती
आरती करो, भैरव की करो, भैरव की, काल भैरव की, आरती करो भैरव की।
सिर.. →
शिव चालीसा
दोहा
अज अनादि अविगत अलख, अकल अतुल अविकार । वन्दौ शिव पद.. →
श्री प्रेतराज जी चालीसा
दोहा
श्री भृगु कमल पद ध्यान धर, श्री हनुमत चरण चित्तलाय।.. →
श्री भैरव जी चालीसा
दोहा
पहले सुमिर गणेश, को फिर बाला जी ध्यान। भैरव चालीसा.. →
श्री भैरव जी प्रार्थना
सुनो जी भैरव वीर, हे रणधीर, यह विनती करूँ। भिक्षा मुझे यह चाहिए,.. →
श्री प्रेतराज जी प्रार्थना
जय प्रेतराज धिराज राजा कृपा इतनी कीजिये हम द्वार तुम्हारे.. →