आरती श्री सीता जी की

आरती जनक दुलारी की – शोभामय सीता प्यारी की।
विद्यादात्री जगत विधात्री
चन्द्र वदना – सुखकारी – माता चन्द्रवदना ०
मनोरमा जय चक्रहस्ता
जय भयहारी की – । १ । आरती ०

शोभा सिन्धु सुसौम्या माँ
दया करो अघहारी – माता दया करो ०
अति आनन्दा परम सुगन्धा
जय जयकारी की – । २ । आरती ०

सदा शुभकारी अति हितकारी
आये शरण तिहारी – माता आये शरण ०
क्रियावती सुकुमारी जय जय
भव भञ्जनहारी की – । ३ । आरती ०

भक्ति मुक्ति की दात्री रम्या
सदा – सदा जयकारी – माता सदा सदा ०
परम मनोरमा कञ्चन वदना
सीता प्यारी की – । ४ । आरती ०

सरल स्वरूपा भगवद् रूपा
जाऊँ मैं बलिहारी – माता जाऊँ मैं ०
हाथ जोड़ सदा करो आरती
सीता सन्नारी की – । ५ । आरती ०