जय गुरुदेव, जय गुरुदेव, जय गुरुदेव, जय जय गुरुदेव
गुरु हैं गंगा, गुरु हैं जमुना, गुरु सरस्वति धारा,
ज्ञान के सागर गुरु हमारे, जगती का उजियारा,
जय गुरुदेव – जय जय गुरुदेव
गुरु हंस हैं, गुरु गरुड़ हैं, गुरु मोर मतवाले,
ज्ञान दे सब को रोशन करते, सबके हैं रखवाले,
जय गुरुदेव – जय जय गुरुदेव
बरगद की छाया से शीतल, आम्र फल से मीठे,
समभाव दृष्टा होकर, वचन सुनावे तीखे,
जय गुरुदेव – जय जय गुरुदेव
हृदय मल कब दूर कर दिया, कोई जान न पाता,
रक्षा सबकी करते निश्दिन, रहें सदा अज्ञाता,
जय गुरुदेव – जय जय गुरुदेव
कृपा गुरु की जो कोई पावे, परमहंस बन जावे,
सब द्वन्दों से मन हो निर्मल, भक्ति मुक्ति पावे,
जय गुरुदेव – जय जय गुरुदेव
सदा ही आपका
अमर दास
भृगुवार , 12 जुलाई 2024
श्री त्रिमूर्तिधाम पञ्चतीर्थ आश्रम दिव्य देशम् 107