श्री पवन पुत्र हनुमान, महाबलवान, हुआ है सवेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।
अंजनि के हे पूत, बड़े मजबूत, में दास हूँ तेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।
दुष्टो का हो काल, महाविकराल, संकट ने घेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।
सिंधु गए थे लांघ, लगा के छलांग, पता है तेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।
लाये तुम थे शैल, ऐसे हो छैल, लगाया डेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।
अंजना रही जगा, रहा हूँ उठा, भक्त हूँ तेरा ।
जागो नाथ दयालु, दयानिधे, काटो संकट मेरा ।।