अगर समाई नींद नयन में तो तुम प्रभु सो जाओ।
झूलूँगा स्वामी पंखा तुम सपनों में खो जाओ।
सोनें का मैनें पलंग बिछाया रेशम का बिछौना।
तकिया प्रेम का उसपे लगाया, तुम प्रभु प्रेम से सोना।
दूध कटोरा भर कर लाया पीलो तुम गिरधारी।
दिनभर तंग किया भूतों ने अब है शरण तिहारी।
तुम सृजन करते दुनियाँ का तुम पालन करते हो स्वामी।
थक जाते होंगे दिनभर में, थोड़ा आराम करो स्वामी।
दिन भर खड़े खड़े बीता भक्तो को आनंद दिया स्वामी।
आराम करो अब बिस्तर पर में भोर भये आऊँ स्वामी।
दुनियाँ के झंझट ऐसे हैं जो कभी खत्म न हों स्वामी।
तुम आँखे बंद करो भगवन लो नमन हमारा अब स्वामी।