॥ जय सिया राम ॥
गुरु पूर्णिमा का महान पर्व सभी शिष्यों ने मिलकर धूम धाम से मनाया।
पर्व की शुरुवात प्रातः 7:30 बजे श्री बालाजी के अभिषेक, 8:30 बजे श्री अमरेश्वर जी के अभिषेक, 10 बजे श्री भृगु जी के पूजन से हुई। सभी के अभिषेक एवं पूजन गुरु रूप में किये गए। सभी शिष्यों ने फल, फूल, मिष्ठान व वस्त्र भेंट किये।
सभी पूजन के उपरांत 11 बजे सभी शिष्यों ने मिलकर गुरुदेव व गुरुमाता का पूजन अर्चन किया। श्री प्रेतराज जी हाल में सभी के बैठने की व्यवस्था की गयी, गुरुदेव व गुरुमाता का आसन फूलों द्वारा सजाया गया, फिर सभी शिष्यों ने मिलकर फल, फूल, मिष्ठान, वस्त्र व द्रव्य से उनका पूजन अर्चन श्रद्धा पूर्वक किया। जिसके उपरांत गुरुदेव ने प्रवचन व आशीर्वाद दिया और सभी भक्तों को भण्डारे में सेवा में जाने की आज्ञा दी।
मध्यान 12:30 बजे भंडारा प्रारम्भ कर दिया गया। सभी अतिथियों एवं अन्य भक्तजनों ने भंडरा ग्रहण किया। भंडारा सांय काल तक चलता रहा। शाम को सेवादल भक्तों ने एक साथ प्रसाद ग्रहण किया, प्रसाद ग्रहण करने से पहले सभी ने गायत्री मंत्र का पाठ किया।
॥ जय सिया राम ॥