सेवकों के ध्यानार्थ

सेवकों के ध्यानार्थ

  1. सेवक के लिए अमर्यादित परिधान वर्जित है – निर्धारित परिधान पीत धोती कुर्त्ता अथवा पीत कुर्त्ता पायजामा पहन कर धाम में वास करें।
  2. सेवा में मौन को महत्व दें।
  3. सेवा का अहंकार न करें।
  4. परनिन्दा, चुगली, द्वेष आदि न करें।
  5. बाहर से लाई गई कोई भी वस्तु सेवनीय नहीं है।
  6. स्वयं भी मर्यादित रहें तथा दूसरों को भी मर्यादा में रहने के लिए प्रेरित करते रहें।
  7. श्री धाम में जहाँ प्रवेश वर्जित किया गया हो – बिना आज्ञा प्रवेश न करें।

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