श्री केसरी नन्दन जो ग्यारहवें रूद्र हैं- जो सभी गुणों के भण्डार हैं- ज्ञानियों में सर्वश्रेष्ठ, दुष्टों का विनाश करने वाले, सुवर्ण कान्ति के समान देह वाले वानर वीर महावीर श्री हनुमान जी का ही नाम है जो भगवान शंकर का ही अवतार हैं। श्री हनुमान जी के विषय में नारद पुराण में कहा गया है-
सः सर्वरूपः सर्वज्ञ सृष्टि स्थिति करोवतु। स्वयं ब्रह्मा स्वयं विष्णुः साक्षाद् देवो महेश्वरः।।
नारदपुराण पू पाद 78/24/25
वे सर्व स्वरूप तथा सृष्टि रचते और उसका पालन करते हैं, और विनाशक भी वही हैं – वे ही स्वयं ब्रह्मा, विष्णु तथा साक्षात् शिव हैं।
और
शिवावतार श्री हनुमान जी की पूजा भारत में ही नहीं विश्व में अनेकत्र स्थानों पर बडी़ श्रद्धा से की जाती है।
भगवान श्री बाला जी हनुमान की चालीसा एवं आरतियां
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